प्रेम



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प्रेम......❤

शरीरों से परे भी एक दुनिया होती है जहां प्रभुप्रेम ही प्रेम है ,

वासना का प्रवेश नहीं है !!

जहां सिर्फदेना ही देना है बदले में कुछ माँगना नहीं
कोई शिकवा नहीं ,

कोई शिकायत नहीं ,
प्रियतम प्रभु की रज़ा में राज़ी रहना !

यहाँ हार ही जीत है ,
दर्द ही दवा है……

वियोग में ही नित्य संयोग है ...

लोग गोपिओं की बात करते हैं और कहते है जी
गोपिओं ने तो मर्यादाओं का हनन किया है श्रीमद भगवत महापुराण मे!!

एक भी प्रसंग बता दीजिये गोपिओं ने जहां मर्यादाओं का हनन किया है ?

गोपिओं को भगवन जिस जगह पर छोड़ कर गए थे वहां से एक इंच भी आगे नहीं गयी !!

मथुरा दूर नहीं थी भाव भी कम नहीं थे !!!

वृन्दावन से केवल एक घंटे मे पहुँच जाती वहां पर ......

पर कभी नहीं गयी क्योंकि श्यामसुंदर ने कहा था यहीं रहना मै वापिस आऊंगा लौट कर !!

गोपिओं का प्रेम कम नहीं था..

बल्कि उमड़ता हुआ छलकता हुआ प्रेम था भाव भी कम नहीं थे !!!

दशम स्कन्द को देखने से पताचलता है गोपिआं अपने घर का काम करती हैं ,

सब को खुश रखती है ,

सेवा भाव कूट कूट कर भरा है !!

गोपियाँ गाती हैं , श्यामसुंदर कि निकुंज लीलाओं को याद करती हैं ,

इंतज़ार है कि हमारे श्यामसुंदर आयेंगे कोई उत्साह कम नहीं हुआ प्रेम में देरी दूरी कहाँ मायने रखती है !!

उधर भगवन का ऐश्वर्य भी कम नहीं है द्वारिका मे
अगर चाहते तो बुला लेते बृजवासियों को ....

एक गोपिमहल या नया व्रज बना लेते रख लेते सब
गोप गोपिओं को द्वारिका मे परन्तु नहीं बनवाया !!

गोपिओं ने कभी कोई शिकायत नहीं भेजी जी !!

प्रेम ने गोपिओं को जीना सिखाया हर काले रंग की चीज़ मै उनको श्यामसुंदर ही दीखते है !!

उमड़ती काली घटाओं में ,

काली कोयल में ,
उनको श्यामसुंदर ही दीखते है ये है प्रेम की धन्यता !!

"राधा और मोहन ने, जग को, प्रीत की रीत सिखाई ......"
झूठे है सारे बंधन , सच्ची बस एक, प्रेम सगाई ......."

आज कल के प्रेम से तुलना मत किया करो गोपिओं के प्रेम की !!

प्रेम वो नहीं जो मरना सिखा दे प्रेम तो वो है जो जीना सिखा दे
आज कल लोग प्रेम मै असफल होने पर आत्महत्या कर लेते है

फंदा लगा लिया ,नस काट ली !!

ये प्रेम नहीं है ये शरीरों के प्रति आसक्ति व् भोग भोगने कि आकांक्षा है !!!

कहीं भी पूरी श्रीमद् भागवत में कहीं नहीं लिखा कि गोपियाँ कोई श्रृंगार नहीं करती ,

घर का काम काज नहीं करती,

रोती रहती हैं ,

कोई वर्णन नहीं है कि जिम्मेदारियों से भाग गयी या किसी एक भी गोपी ने आत्महत्या कर ली !!

ये जो मोहब्बत के रिश्ते हैं यहाँ बहुत सोच समझ के चलना क्योंकि....

यहाँ दीये नही दिल जलाए जाते हैं !!

सूफी लिखते हैं .. जे तू जीतना ते प्यार विच देख हार के ......
तुझे देखना इबादत पर तेरी याद बंदगी है...

खुसरो दरिया प्रेम का उलटी वाकी धार
जो उतरा सो डूब गया जो डूबा भाव से पार ll

आप सब को प्रेम भरी जय श्री कृष्ण,,,
जय जय श्री राधे....

प्रेरणादायी कहानिय👇🏻 Nayisoch2020.blogspot.com

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