हल्के रहे...
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*(*प्रेरणादायक कहानी ग्रुप*)
*हल्के रहे...*
🦩हमिंगबर्ड (चिड़िया की एक प्रजाति ) बहुत हल्की होती है! इस जानकारी के बाद अगर आपसे उसके वजन का मोटा- मोटा अनुमान लगाने को कहा जाएं, तो कितने 'ग्राम' कहेंगे आप? आपको अंदाजा लगाने मे सहूलियत हो, इसके लिए उदाहरण के तौर पर बताना चाहेंगे कि 1 ग्राम लगभग इतना होता है, जितना एक चुटकी नमक का वजन या एक पेन के ढक्कन का भार या फिर एक पेपर- क्लिप का माप!
आप सोच रहे होंगे, इस हिसाब से तो कितने ही ग्राम जोड़ने पड़ जाएंगे! परन्तु आपके ऐसा सोचने मे त्रुटि है बंधु! क्योंकि सबसे छोटी हमिंगबर्ड मात्र 1.6 ग्राम की होती है! क्या हुआ? कुछ खटका? दुबारा पढ़ लीजिए, 1.6 ग्राम ही लिखा है! वहीं, औसतन भी, यह मात्र 4 ग्राम जितनी ही वजनदार होती है! और अगर इनमें सबसे बड़ी चिड़िया को ले, तो वह भी 24 ग्राम से ऊपर नहीं जाती!
रुकिए! रुकिए! अपनी हैरानी को अभी थमने मत दीजिए! अचंभित करने वाली इनकी एक और वास्तविकता सुन लीजिए... हमिंगबर्ड 1 सेकंड मे 80 बार अपने पँख फड़फड़ा लेती है! जी हाँ, इस बार भी आपने सही पढ़ा... 1 सेकंड के छोटे से अंतराल मे यह नन्ही सी चिड़िया इतनी तेज गति पकड़ लेती है!
*साधको! इसी पक्षी से प्रेरणा लेते हुए, आएं हम भी अपनी गति बढ़ाएं! इसके लिए हल्केपन का सूत्र अपनाएं माने आंतरिक हल्कापन! यानि अहंकार, कामना तथा स्वार्थ से खाली मन... वह अंतर्मन जिसमें सिर्फ और सिर्फ गुरु का चिंतन हो! उनके सेवा- कार्य का स्मरण हो! ऐसे हल्केपन के साथ ज़ब हम सेवा और साधना के क्षेत्र मे उतरेगे, तो हम तीव्र (दरूत) गति से बढ़ते जाएंगे! ऐसी गति, जिसे देखने वाले भी हैरान रह जाएंगे !*
महात्मा बुद्ध ने अपने शिष्यों को यहीं सीख देते हुए कहा था- *अहंकार जैसे विकारो से युद्ध मे, हल्का पक्ष भारी पर भारी पड़ जाता है! कहने का तात्पर्य, जीत चाहते है, तो आंतरिक हल्केपन को हल्के मे नहीं लेना चाहिए !sg*
प्रेरणादायी कहानिय👇🏻 Nayisoch2020.blogspot.com
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आप सोच रहे होंगे, इस हिसाब से तो कितने ही ग्राम जोड़ने पड़ जाएंगे! परन्तु आपके ऐसा सोचने मे त्रुटि है बंधु! क्योंकि सबसे छोटी हमिंगबर्ड मात्र 1.6 ग्राम की होती है! क्या हुआ? कुछ खटका? दुबारा पढ़ लीजिए, 1.6 ग्राम ही लिखा है! वहीं, औसतन भी, यह मात्र 4 ग्राम जितनी ही वजनदार होती है! और अगर इनमें सबसे बड़ी चिड़िया को ले, तो वह भी 24 ग्राम से ऊपर नहीं जाती!
रुकिए! रुकिए! अपनी हैरानी को अभी थमने मत दीजिए! अचंभित करने वाली इनकी एक और वास्तविकता सुन लीजिए... हमिंगबर्ड 1 सेकंड मे 80 बार अपने पँख फड़फड़ा लेती है! जी हाँ, इस बार भी आपने सही पढ़ा... 1 सेकंड के छोटे से अंतराल मे यह नन्ही सी चिड़िया इतनी तेज गति पकड़ लेती है!
*साधको! इसी पक्षी से प्रेरणा लेते हुए, आएं हम भी अपनी गति बढ़ाएं! इसके लिए हल्केपन का सूत्र अपनाएं माने आंतरिक हल्कापन! यानि अहंकार, कामना तथा स्वार्थ से खाली मन... वह अंतर्मन जिसमें सिर्फ और सिर्फ गुरु का चिंतन हो! उनके सेवा- कार्य का स्मरण हो! ऐसे हल्केपन के साथ ज़ब हम सेवा और साधना के क्षेत्र मे उतरेगे, तो हम तीव्र (दरूत) गति से बढ़ते जाएंगे! ऐसी गति, जिसे देखने वाले भी हैरान रह जाएंगे !*
महात्मा बुद्ध ने अपने शिष्यों को यहीं सीख देते हुए कहा था- *अहंकार जैसे विकारो से युद्ध मे, हल्का पक्ष भारी पर भारी पड़ जाता है! कहने का तात्पर्य, जीत चाहते है, तो आंतरिक हल्केपन को हल्के मे नहीं लेना चाहिए !sg*
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