वक्त हमेशा एक सा नहीं होता
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*🌷 वक्त हमेशा एक सा नहीं होता 🌷*
*✍ यह कहानी एक खूबसूरत औरत की हैं जिनका नाम प्रभा देवी था | वह एक प्राइमरी स्कूल टीचर थी यह बात 1960 के वक्त की हैं जब देश में छुआछूत बुरी तरह छाया हुआ था |प्रभा देवी स्कूल पढ़ाने जाती थी लेकिन उस स्कूल में आये बच्चों को हाथ नहीं लगाती थी| यहाँ तक की बच्चो को सख्त हिदायत थी कि वह मैडम से 1 फीट की दूरी से बात करे | उनकी किताबे तक को वह हाथ नहीं लगाती थी |*
*स्कूल के आलावा उनके घर में भी कुछ इस ही तरह के नियम थे | साथ ही वह बहुत सुंदर थी और उन्हें सुन्दर दिखने वाली महिलाओ से दोस्ती करना पसंद था |साफ़ सफाई से रहना प्रभा देवी को बहुत पसंद था वो बिस्तर पर एक सल भी देखना पसंद नहीं करती थी | यहाँ तक की छोटे छोटे बच्चो को भी वो प्यार तो बहुत करती |उन्हें तोहफे देती, खाने की अच्छी अच्छी चीजे देती | दिल से दुआ भी देती |पर उन्हें कभी अपनी गोद में नहीं बैठाती और ना ही अपने bed पर, क्यूंकि उन्हें हमेशा बच्चे के गंदे कर देने का डर होता था|*
*वक्त बीत गया जब प्रभा देवी की उम्र 70 वर्ष हुई उनके पास उनकी एक बेटी रहती थी अब प्रभा देवी को एक बहुत बुरी बीमारी हो गई थी ना वो चल सकती थी ना किसी के सहारे के बिना एक करवट बदल सकती थी | और उनका शरीर दुर्बल हो गया था जिसे देख कोई भी डर जाए |उनकी बेटी उनकी पूरी सेवा करती पर फिर भी कई बार प्रभा देवी जी कई घंटो गंदगी में पड़ी रहती | जिन नौकरों से प्रभा देवी अपने आपको दूर रखती थी आज वो उनके सहारे के बिना एक पल नहीं रह सकती थी | प्रभा देवी दिल की बुरी नहीं थी पर जीवन में जिन बातों को लेकर वह सबसे ज्यादा चिड़ती और अनजाने में ही सही पर दूसरों का दिल दुखाती थी बुढ़ापे में उन्हें इन बातो के साथ ही जीना पड़ा |*
*🌷Moral Of The Story🌷:*
*वक्त कभी समान नहीं रहता वक्त के साथ सब कुछ बदल जाता हैं लेकिन अपने व्यवहार को इस तरह रखे कि कभी भी वक्त के आगे आपको झुकना ना पड़े | कहते है इंसान जिस चीज से भागता है उसे उसका सामना करना पड़ता है इसलिए कभी किसी चीज़ से घृणा ना पाले | और शारीरिक सुन्दरता कभी नहीं टिकती ना उस पर अभिमान करना चाहिए और ना ही किसी को उसके रूप के लिए कोसना चाहिए |*
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*🙏🙏🌷 Sg 🌷🙏🙏*
VERY NICEE.
ReplyDeleteVery nice
DeleteFabulous
ReplyDeleteVery true
ReplyDeleteNice
ReplyDeletesuppperb ji
ReplyDeleteRight
ReplyDeleteसुंदर है कुछ खामियां भी है
ReplyDeleteजैसी साठ के दशक में कोई अपने नाम के आगे सरनेम नहीं लगाता था जहां तक छुआछूत की बात है वह आज भी है आप किसी गंदे आदमी को अपने गले लगा लेंगे आज छुआछूत सरनेम लगाकर दिखाई जाती है सभी धर्मों में जातियों में
Ye to bhem ram ambedkr ji nara lagaye the ki n ki jay pat me koe bhed bho n hona chaye
Deleteसुंदर है कुछ खामियां भी है
ReplyDeleteजैसी साठ के दशक में कोई अपने नाम के आगे सरनेम नहीं लगाता था जहां तक छुआछूत की बात है वह आज भी है आप किसी गंदे आदमी को अपने गले लगा लेंगे आज छुआछूत सरनेम लगाकर दिखाई जाती है सभी धर्मों में जातियों में
Bahut achchha
ReplyDeleteWonderful
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeleteVery nice Pusker Singh
ReplyDeleteNice
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