जनक बेटी को भेजो

👸🌹👸🌹👸🌹👸🌹👸
WhatsApp 📞 👇 *+919893236423*
🇲🇰प्रेरणादायी कहानियाँ🇲🇰

🙌 *जनक बेटी को भेजो*  🙌

यह बात 1974 की है, मधुबन में बाबा के कमरे में अव्यक्त बापदादा आए थे, उन दिनों में लंदन का निमंत्रण आया था। मनमोहिनी दीदी जी व प्रकाशमणी दादीजी बाबा के साथ बात कर रहे थे, लंण्डन की सेवा अर्थ किसको भेजा जाय। दीदी व दादीजी ने कुछ इंग्लिश पढे लिखे बहनों का नाम बताया। उसी समय अव्यक्त बापदादा ने कहा, *"जनक बेटी को भेजो"* उस समय मनमोहिनी दीदीजी ने बाबा को कहां , *बाबा वह तो दो साल से खटिया पर है,* *वह उठ भी नहीं सकती है,* अव्यक्त बाबा ने कहा, *उसी को भेजो*, *बच्ची का योग बल कहां गया ?*

यह पूरा समाचार लेटर द्वारा मनमोहिनी दीदी जी ने पुणे मीरासोसायटी सेन्टर पर जानकी दादी के पास भेज दिया।
जानकी दादी जी ने वह लेटर पढा, फिर दूसरी बार पढा फिर जब तीसरी बार पढा और बाबा के फोटो के तरफ देखा, *बाबा मेरा योगबल ?* *मानो स्वमान जाग उठा*। *जैसे हनुमान को स्मृति आयी हो* उसी स्वमान में सुंदरी बहन को बुलाया। सुंदरी.... मेरी सारी दवाई लेकर सामने टेबल पर रख। सुन्दरी बहन को कुछ समझ नही आ रहा था। दादीजी को कुछ बोल भी नहीं सकी और सारी दवाई लेकर आयी। मंहगे इंजेक्शन फ्रीज में रखे थे।

दादीजी ने कहा इंजेक्शन भी लेकर आओ, सारी चीजें टेबल पर आ गई। उसके बाद दादी जी ने कहा *यह सब डस्टबिन में डाल दो।* सुंदरी बहन सोचने लगी इतनी महंगी चीजें डस्टबिन में ? लेकिन दादी जी ने कहा, उसे सुंदरी बहन मना नही कर सकती थी। उस दिन के बाद सुन्दरी बहन अनुभव कर रही थी, दादीजी के अन्दर कुछ चेन्जेस नजर आ रही हैं। दादीजी खटिया छोड़ चुकी थी। खुद का काम खुद करने लगी। कुछ ही दिनों में दादीजी पूणे से मधुबन रवाना हो गयी। दादीजी एक दिन अव्यक्त बाबा से मिली। दादीजी ने कहा, *बाबा मुझे अंग्रेजी आता नहीं...* *मैं वहां जाकर क्या करूं ?* बाबा ने कहां *कुछ भी नहीं करना तुम्हे....* *बस दूसरा मधुबन खड़ा करना है* दादाजी ने कहां *जी बाबा* और जैसे बाबा ने कहा वैसे ही दादीजी लंण्डन गई और फिर आगे क्या हुआ....। कितनी बड़ी सेवा हुई, विदेशी सेंटरो का मुख्य सेन्टर बना। यह बाबा की कमाल है और प्यारी दादीजी की कमाल है। 
प्रेरणादायी कहानिय👇🏻 Nayisoch2020.blogspot.com
👸🌹👸🌹👸🌹👸🌹👸

Comments

Popular Posts