परमात्मा ने दिया सबको एक मौका* 🌈

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👏 *परमात्मा ने दिया सबको एक मौका* 🌈

कुछ दिन पहले इस गट मे नीचेवाला मेसेज अन्ग्रेजी मे पढा था, तब से मन मे एकही चिंतन चल रहा था कि हर परिस्थिती के पिछे परमात्मा कि कल्याणकारी प्रेरणा जरूर होती है, तो फिर आज की परिस्थिती मे क्या उद्देश छिपा होगा.

हमे ऐसा उत्तर मिल रहा है कि दुनिया तन और मन से इतनी तेज गती से व्यस्त है कि परमपिता परमात्मा जो हमारा सदा कल्याण चाहता है उन्हेही पहचानने के लिये किसिके पास वक्त नही है. पिता तो बहुत कुछ देना चाहता है परंतु बच्चा नजदिक आयेगा तब संभव होगा ना.

*इसलीये यह मान लिजीए कि निराकार परमात्मा कि पहचान करने हेतू यह एक भाग्यशाली मौका मिला है, आगे ऐसा अवसर शायद ना मिले, इसलीये यथार्थ ज्ञान एवं चिंतन से अपने पिता से जरूर संबंध प्रस्थापित करे.*

1. बच्चे: चाहते थे कि उनका कोई स्कूल न हो और वह सारा दिन खेल सकें। (और हो गया)

2. महिला: चाहती थी कि वह अपने पति का ध्यान रख सकें जो इतनी मेहनत करते हैं और साथ चाहती थी कि उनके पति उनके साथ समय बिताते हुए घर के हर काम में हाथ बटाएँ। (और हो गया) 

3. पति: मैं इस ट्रैफिक से परेशान हूं और मैं चाहता हूं कि मैं घर पर रहूं और और अपनी मर्जी से घर पर ही काम करूँ वेतन भी घर बैठे पाऊं । (और हो गया)

4. नौकरीपेशा माताएं-:काश मैं अपने बच्चों के साथ कुछ क्वालिटी टाइम बिता पाऊं।(और हो गया)

5.विद्यार्थी: काश मैं अपनी परीक्षा के लिए अध्ययन नहीं करता और एग्जाम टल जाएँ। - किया हुआ। (और हो गया)

6. वृद्ध माता-पिता: काश हमारे बच्चे रोज़ व्यस्त होने के बजाय हमारे साथ अधिक समय बिता पाते? (और हो गया)

7. कर्मचारी: मैं नौकरी से  तंग आ चूका हूँ मुझे एक ब्रेक की जरूरत है ।- (और हो गया)

8. व्यापारी- हमारा कोई जीवन नहीं है, काश घर बैठकर टीवी देख सकते। (और हो गया)

9. पृथ्वी: मैं सांस नहीं ले पा रही काश, मुझे इस सारे प्रदूषण और अराजकता से निज़ात मिले । (और हो गया)

*10. परमात्मा: मेरे बच्चे मेरी पहचान तक भूल गये है, (जो समजते है कि हमने पहचान लिया जादातर अंधश्रद्धा से लिप्त है) उन्हे अंतर्यात्रा करने के लिये पर्याप्त समय /एक मौका देना होगा: (और हो गया)*
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